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थायराइड के लक्षण और इलाज | Thyroid Types , Symptoms & Treatment in Hindi

आजकल कई लोग थायराइड बीमारी से पीड़ित हैं. थायराइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार दस गुना ज्यादा होता है.Thyroid गले में स्थित एक ग्रंथि (gland) का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के metabolic processes को control करने के काम आता है। इसका मुख्य कारण है महिलाओं में ऑटोम्यून्यून की समस्या ज्यादा होना है.

थायराइड के प्रकार – Types of Thyroid in Hindi

  1. हाइपो थायराइड : इसमें थायराइड ग्लैंड सक्रिय नहीं होता, जिससे शरीर में जरूरत के मुताबिक T3, T4 हार्मोन नहीं पहुंच पाता। इसकी वजह से शरीर का वजन अचानक बढ़ जाता है। सुस्ती महसूस होने लगती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। अनियमित पीरियड, कब्ज की शिकायत, चेहरे और आंखों पर सूजन आ जाता है। यह बीमारी 30 से 60 साल की महिलाओं में अधिक होती है।
  2. हाइपर थायराइड : इसमें थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाता है। T3, T4 हार्मोन जरुरत से अधिक मात्रा में निकलकर ब्लड में घुलने लगता है। इस हालत में शरीर का वजह एकाएक कम हो जाता है। मांशपेशियां कमजोर हो जाती है। भूख ज्यादा लगती है, ठीक से नींद नहीं आती, स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। पीडियड्स में अनियमितता, अधिक ब्लीीडिंग की समस्या, गर्भपात का भी खतरा बना रहता है।
  3. यराइडिटिस : जब थायराइड ग्रंथि में सूजन आती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जिससे थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है।
  4. गॉइटर : भोजन में आयोडीन की कमी होने पर ऐसा होता है, जिससे गले में सूजन और गांठ जैसी नजर आती है। इसका शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं। इसलिए, महिलाओं में थायराइड रोग के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं।
  5. थायराइड नोड्यूल : इसमें थायराइड ग्रंथि के एक हिस्से में सूजन आ जाती है। यह सूजन कठोर या फिर किसी तरल पदार्थ से भरी हुई हो सकती है।
  6. थायराइड कैंसर : जब थायराइड ग्रंथि में मौजूद टिशू में कैंसर के सेल बनने लगते हैं।

थायराइड के लक्षण (Thyroid Symptoms)

मोटापा
वैसे तो बढ़ता मोटापा आज हर किसी समस्या बना हुआ है लेकिन अगर आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है, तो इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें क्योंकि थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है। हम जो भी खाते हैं वो पूरी तरह एनर्जी में नहीं बदल पाता और वसा के रूप में शरीर पर जमा होने लगता है।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
हाइपोथाइरॉडड यानी शरीर में टीएसएच अधिक और टी3,टी4 कम होने पर मांसपेशियों में जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है।

सर्दी या गर्मी बर्दाश्त न होना
थायराइड होने पर मौसम का प्रभाव हमारे शरीर पर अधिक दिखाई देने लगता है। हाईपोथॉयरायडिज्म होने पर शरीर को न तो ज्यादा ठंड बर्दाश्त होती है और न ही ज्यादा गर्मी का मौसम। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो तुरंत जांच करवाएं।

गर्दन में सूजन
थाइरॉइड बढ़ने पर गर्दन में सूजन की संभावना बढ़ जाती है। गर्दन में सूजन या भारीपन का एहसास हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

baldness problem

बालों और त्वचा की समस्या
खासतौर पर हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में त्वचा में रूखापन, बालों का झड़ना, भौंहों के बालों का झड़ना जैसी समस्याएं होती हैं जबकि हाइपरथाइरॉइड में बालों का तेजी से झड़ना और संवेदनशील त्वचा जैले लक्षण दिखते हैं।

पेट खराब होना
लंबे समय तक कान्सटिपेशन की समस्या हाइपोथाइरॉइड में होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में डायरिया की दिक्कत बार-बार होती है।

हार्मोनल बदलाव
वैसे तो बदलते लाइफस्टाइल में अनियमित बहुत सी महिलाओं में देखने को मिलती है। पीरियड्स में होने वाली गड़बड़ी को कभी भी अनदेखा न करें क्योंकि थायराइड की समस्या होने पर पीरिड्स का इंटरवल बढ़ जाता है और 28 दिन की बजाएं पीरिड्स ज्यादा बढ़ जाते है।

थकान, अवसाद या घबराहट
अगर बिना अधिक मेहनत करने के बाद भी आप थकान महसूस करते हैं या छोटी-छोटी बातों पर घबराहट होती है तो इसकी वजह थाइरॉइड हो सकती है।