हिमालय सेप्टीलिन (Himalaya Septilin) एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बिना डॉक्टर की सलाह से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस्तेमाल क्यों करें, यह बहुत बड़ा सवाल है
हिमालय सेप्टीलिन (Himalaya Septilin)रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा है। अगर आप बहुत जल्दी बीमार हो जाते हैं। इम्यून सिस्टम आपका बहुत कम है तो इम्म्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए यह दवा बनाई गई है। यह आपको टेबलेट, सिरप, और ड्रॉप्स के रूप में भी मिल जाएगी। इससे पता चलता है कि अब बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी ले सकते हैं क्योंकि इइम्युनिटी तो हर किसी के लिए बहुत जरूरी है तो यह हर कोई इस्तेमाल कर सकता है।
इसमें मुख्य रूप से गिलोय, गूगल और त्रिकटु डाला गया है। इसके अलावा और भी कई चीजें डाली गई है जो कि हम विस्तार में बात करेंगे।
हिमालय सेप्टीलिन के मुख्य घटक। Himalaya Septilin Composition
- गुग्गुल – 80mg
- महारसनादी क्वाथ – 30mg
- मंजिष्ठा – 15mg
- गुडुची – 14mg
- त्रिकटु (सोंठ + काली मिर्च + पिप्पली) 13mg
- पुष्कर – 13mg
- आमलकी – 8mg
- यष्टि – 6mg
- गुग्गुलु – 80mg
- मंजिष्ठा – 8.9mg
- गुडुची – 8.3mg
- पुष्कर – 7.7mg
- आमलकी – 4.7mg
- यष्टिमधु – 3.5mg
हिमालय सेप्टीलिन के फायदे | Himalaya Septilin Benefits in Hindi
- हिमालय सेप्टीलिन में आंवला डाला गया है जो कि खांसी को नियंत्रित करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगर शरीर में विटामिन C की कमी है तो उसे भी पूरा करने में मदद करता है।
- इसमें गिलोय भी डाला गया है। गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगर आपके प्लेटलेट कम है तो प्लेटलेट्स को बढ़ाने का काम करता है। यह शरीर में एंटीबॉडी को निर्मित करने में भी सहायता करता है। अगर शरीर को इंफेक्शन वगैरह हो जाए तो उसे जल्द से जल्द कंट्रोल करता है।
- यष्टिमधु जैसा किसके नाम से ही पता चलता है कि इसका स्वाद मीठा है. यह वायरस को कंट्रोल करता है और यह आपके लंग्स के लिए भी फायदेमंद है। यह फेफड़ो में जमे कफ को निकालने में मदद करता है और अस्थमा की एलर्जी से भी निजात दिलाता है।
- गुग्गुल में anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से आपके फेफड़ो और गले की सूजन से निजात मिलती है। यह एंटीऑक्सीडेंट होने की वजह से शरीर को स्वस्थ और जवान रखने में मदद करता है। चोट लगने के बाद सूजन को कम करने में भी मदद करता है।
- इसमें मंजिष्ठा भी डाला गया है जो कि खांसी को कंट्रोल करने में मदद करता है।त्वचा रोग से निजात मिलती है।
- हिमालय सेप्टीलिन में त्रिकटु भी डाला गया है जो कि खांसी सर्दी जुकाम अस्थमा जैसे श्वास रोगों को ठीक करने में जोड़ी है। यह आपके डाइजेशन और पाचन के लिए भी फायदेमंद है।
- हिमालय सेप्टीलिन में मुलेठी का सेवन भी किया गया है। यह दवा शरीर के तापमान को कम करती है और बुखार से निजात दिलाती है। यह बैक्टीरिया को नष्ट करती है और उसे बढ़ने से रोकती है।
हिमालय सेप्टीलिन की कीमत | Himalaya Septilin Price
हिमालय सेप्टीलिन की 160 गोलियों की डिब्बी ₹165 की आती है जिसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
हिमालय सेप्टीलिन के सेवन की विधि। Himalaya Septilin Dosage
हिमालय सेप्टीलिन का सेवन आपको 1 दिन में 2 बार करना चाहिए। इसका सेवन आपको खाना खाने के बाद करना चाहिए। एक गोली सुबह नाश्ते के बाद और एक गोली रात को खाने के बाद कर सकते हैं।
हिमालय सेप्टीलिन के साइड इफेक्ट | Himalaya Septilin Side Effects
क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए इसके साइड इफेक्ट बहुत कम देखने को मिलते हैं। अगर आप इसका ओवरडोज करेंगे तो कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं जैसे कि पेट खराब होना या सीने में जलन होना इत्यादि।
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