जबसे Metaverse का कांसेप्ट सामने आया है तब से तरह-तरह की बातें सामने आ रही है। जिनमें से एक है आपकी सेहत को लेकर कि Metaverse का आपकी सेहत पर क्या असर होगा, आपकी मेंटल हेल्थ पर क्या असर होगा। चलिए इसके बारे में बात करते हैं. तो पहले हम लोग जान लेते हैं कि Metaverse आखिर क्या चीज है?
मेटावर्स क्या है? Metaverse in Hindi
जैसे जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट का जमाना बढ़ रहा है, वैसे-वैसे नई नई चीजें सामने आ रही हैं। पहले एक समय था कि हम ब्लैक एंड वाइट कंप्यूटर इस्तेमाल करते थे। उसे web1 कहा जाता था। उसके बाद फोटोस और वीडियोस इस्तेमाल करने लगे, जिसे web2 का नाम दिया।
अब Metaverse आ गया है इसमें आप लोग कई काम कर सकते हैं। इसे वर्चुअल रियलिटी और ऑग्मेंटेशन के साथ जोड़कर आप घर बैठे ही कई तरह के काम कर पाएंगे।
जैसा कि आप गेम्स में देखते हैं वैसे ही आप अपना कंप्यूटर की दुनिया में वर्चुअल दुनिया में आप अपना कैरेक्टर बना सकते हैं और। मीटिंग वगैरह कर सकते हैं, गेम्स खेल सकते हैं। इसके अलावा और भी कई तरह के कार्य कर सकते हैं। अभी हाल ही में Metaverse में एक शादी भी की गई है।
इसका फायदा यह है कि आपको आपका दोस्त भले ही आपसे कितना भी दूर हो, आपको पास लगेगा और आपके करीब होगा।
Metaverse दो शब्दों से बना है मेटा और वर्स। जिसमें मेटा का मतलब है बियोंड, मतलब के जिस चीज के बारे में हम सोच नहीं सकते और वर्स का मतलब है यूनिवर्स जिसे हम देख नहीं सकते, इसी तरह से Metaverse का मतलब है, एक ऐसी दुनिया जो कि हमारी सोच और समझ से बहुत आगे है।
Metaverse की शुरुआत कब हुई
Metaverse शब्द की उत्पत्ति 1992 में हुई थी। नील स्टीफेन्सन ने अपने स्नो क्रश नामक नोबेल में की थी। Metaverse की कल्पना सबसे पहले एक राइटर के द्वारा ही की गई थी, किसी साइंटिस्ट के द्वारा नहीं उस समय सिर्फ भले ही कल्पना थी, लेकिन अब भविष्य और हकीकत बनने जा रहे हैं।
Metaverse के बाद जिंदगी में क्या बदलाव आएंगे
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है। वैसे वैसे व्यक्ति भी ज्यादा व्यस्त होता जा रहा है। टेक्नोलॉजी चाहे कि हमें आराम देती है लेकिन इसके साथ-साथ हमारी सेहत पर भी बुरा असर डालती है। पहले हम लोग रातों को जागते नहीं थे, लेकिन मोबाइल आने के बाद हमारी आंखों पर भी बुरा असर पड़ने लगा है और हम लोग काफी रात को जाग कर मोबाइल देखते है
पहले लोग 6:00 तक कि काम करते थे लेकिन अब मोबाइल और इंटरनेट आने की वजह से लोग रात को 12:00 बजे तक भी काम करते हैं जिसकी वजह से काम का बोझ बढ़ गया है और आराम कम हो गया है।
अब Metaverse आने पर यह चीज है और ज्यादा बढ़ जाएंगे। लोग और ज्यादा बिजी हो जाएंगे। और उनकी लाइफ और ज्यादा आसानी के साथ-साथ जटिल हो जाएगी। काम चाहे जल्दी हो जाएगा, लेकिन उनकी सेहत पर भी असर पड़ेगा।
क्या Metaverse आपकी सेहत पर असर डालेगा
- सबसे पहली बात तो यह है कि जब कोई अच्छी चीज आती है तो हम उसके आदी हो जाते हैं। चाहे कोई नई गेम हो, चाहे मोबाइल हो. जैसे मोबाइल आए हैं हम उसके आदी हो गए हैं। वैसे ही जब Metaverse आएगा तो हम उसके भी आदी हो जाएंगे। और जब हम इसका ज्यादा इस्तेमाल करेंगे तो उसकी छोटी-छोटी चीजें भी हमारे दिमाग पर असर डालेंगे।
- क्योंकि Metaverse एक तरह का सोशल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। हम लोग आजकल बहुत ज्यादा फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि के आदि है। लेकिन Metaverse आने के बाद इसके और ज्यादा आदि हो जाएंगे जिसका असर हमारी आंखों और दिमाग पर पड़ेगा।
- जब डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ज्यादा किया जाए तो यह हमें डिप्रेशन की तरफ भी धकेलती है। और लोग डिप्रेशन की गोलियां लेने के आदी हो जाते हैं।
मेटावेर्स के फायदे | Metaverse Benefits for Health
जहां Metaverse के कुछ नुकसान है वही सेहत के लिए इसके कुछ फायदे भी हैं।
- Metaverse की टेक्नोलॉजी आने वाले वक्त में हेल्थ और हॉस्पिटल इत्यादि में बहुत ज्यादा काम आएगी। जैसे कि।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी की मदद से मेडिकल डिवाइस को दुनिया के किसी भी कोने से ऑपरेट किया जा सकेगा।
- रोबोटिक और Metaverse यह दोनों जब मिल जायेंगे तो डॉक्टर कहीं भी बैठकर अपने पेशेंट का इलाज कर पाएगा।
तो इस तरह से Metaverse के जहां नुकसान है वही कुछ फायदे भी हैं
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