दही से चीज़ (हिंदी वाला नहीं अंग्रेजी वाला) बनाने के बाद बचे हुए पानी को व्हे कहा जाता है। इसी पानी को प्रोसेस कर इसमें से प्रोटीन निकाला जाता है। इस प्रोटीन को हम व्हे प्रोटीन कहते हैं। इसका इस्तेमाल फूड सप्लीमेंट के तौर पर किया जाता है। बॉडीबिल्डिंग के 10 टॉप 10 सपलीमेंट में यह नंबर एक पर है। यह शरीर बनाने में मदद करता है। बॉडी बनाने के लिए हमें ढेर सारा प्रोटीन चाहिए होता है। उतना हम खाने से नहीं जुटा पाते तो उस कमी को पूरा करना है व्हे प्रोटीन। हम जो फूड सप्लीमेंट बाहर से खरीदते हैं उसमें प्रोटीन के साथ-साथ मिठास और फलेवर भी मिला होता है। बाजार में तीन तरह का व्हे प्रोटीन मिलता है। आइसोलेट, कंसनट्रेट और ब्लेंड।
कंसनट्रेट (Whey Protein Concentrate)
इस पाउडर में तकरीबन 80 फीसदी प्रोटीन होता है। यह सस्ता पड़ता है और इसमें लेक्टो़ज़ की मात्रा कम होती है, तो जिन लोगों को दूध से दिक्कत होती है उनके लिए भी ठीक है। पाउडर को तैयार करने के दौरान व्हे में से ज्यादातर कार्बोहाईड्रेट और फैट को हटा दिया जाता है। हालांकि इसके बावजूद इसमें कार्ब और फैट दोनों मौजूद होते हैं। अगर आप शुरुआती स्टेज पर हैं या फिर आपको प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग नहीं करनी तो कंसनट्रेट आपके लिए एकदम सही है। बॉडी को मेनटेन करने के लिए भी यह सपलीमेंट ठीक रहता है क्योंकि इसमें कार्ब और फैट होता है। इनसे जरूरी कैलोरी मिलती है और साइज नहीं गिरता। हालांकि जो लोग प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग करते हैं उन्हें एक स्टेज के बाद इसे छोड़ देना होता है। उन्हें दूसरे किस्म का व्हे प्रोटीन इस्तेमाल करना होता है जिसके बारे में नीचे लिखा है।

आइसोलेट (Whey Protein Isolate)
वैस तो कंसनट्रेट और आइसोलेट में कोई फर्क नहीं होता। आइसोलेट एक और प्रोसेस से गुजरता है। इसलिए इसमें तकरीबन 90 फीसदी प्रोटीन होता है। इसमें फैट न के बराबर होता है। ऐसे लोग जो लीन बॉडी बनाना चाहते हैं या कंप्टीशन की तैयारी कर रहे होते हैं या जिन्हें फैट से पूरा परहेज करना हो वो आइसोलेट लेते हैं। इसमें लेक्टोज़ की मात्रा और कम होती है। हालांकि जब इसे घोलेंगे तो यह कंसट्रेट के मुकाबले थोड़ा पतला होगा क्योंकि इसमें फैट बहुत कम होता है। वैसे आइसोलेट का स्वाद अच्छा होता है। लीन बॉडी और प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग में इसका यूज ज्यादा होता है। वजह वही है फैट और कार्ब का बेहद कम होना।
ब्लेंड (Whey protein blend)
कंसट्रेट और आइसोलेट को मिलाकर ब्लेंड बनाया जाता है। यह दोनों के मुकाबले सस्ता पड़ता है। मगर इसमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है। शरीर बनाने के लिए यह भी अपनी जगह सही है। जो लोग मसल्स का साइज और थोड़ी शेप दोनों चाहते हैं वो इसे अपना सकते हैं।
100% व्हे प्रोटीन क्या होता है
इसका मतलब ये है कि जो पाउडर तैयार किया गया है वो सिर्फ व्हे से तैयार किया गया है। अंडे या सोयाबीन वगैरा का प्रोटीन नहीं मिलाया गया है। सौ फीसदी प्रोटीन किसी पाउडर में नहीं होता। उसमें फैट, कार्ब्स और नमी भी होती है। तो अगर किसी डिब्बे पर लिखा है सौ फीसदी व्हे प्रोटीन तो इसका बस इतना ही मतलब है कि उसमें बस व्हे ही है और कुछ नहीं। अगर आप प्रोटीन पाउडर को यूज करने के बारे में सोच रहे हैं तो ये जरूर जान लें कि प्रोटीन सप्लीमेंट कितनी बार और कब लें इससे आपको मैक्सिमम रिजल्ट मिलेगा।
चॉकलेट फ्लेवर में कम प्रोटीन क्यूं
प्रोटीन सप्लीमेंट में चाकलेट का टेस्ट लाने के लिए चाकलेट पाउडर के साथ साथ कोकोआ भी मिलाना पड़ता है। इसके चलते प्रति ग्राम में व्हे प्रोटीन की मात्रा कुछ कम हो जाती है। मात्रा कम होगी तो प्रोटीन का प्रतिशत भी घट जाएगा। वहीं वनीला के लिए बस फ्लेवर मिलाना होता है।
नुकसान (Side effects of Whey Protein)
आमतौर पर व्हे प्रोटीन से कोई नुकसान नहीं है। जरूरत से ज्यादा लेने पर कुछ दिक्कते जैंसे पेट का फूल जाना, ज्यादा प्यास, भूख घटना, थकान और सिरदर्द हो सकता है। वैसे कसरत करने वालों को इनमें से कुछ नहीं होता। हां अगर गलती से आपने नकली सपलीमेंट ले लिया है तो उसके नुकसान हो सकते हैं।
इस्तेमाल करना चाहते हैं ? कोई बुराई नहीं। अपनी डाइट की केलकुलेशन कर लें कि आपको कितना प्रोटीन चाहिए। एक बात का ध्यान रखना, अगर आपको 200 ग्राम प्रोटीन की जरूरत है तो आपको 120 ग्राम खाने-पीने से जुटाना होगा। 80 ग्राम प्रोटीन पाउडर चल जाएगा।
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