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नाभि खिसकना (धरण) क्या है: लक्षण और उपाए

नाभि खिसकना ( Navel Displacement) क्या है, कुछ लोगों को यह पता होगा और कुछ को नही। नाभि भी अपनी जगह से खिसक जाती है। नाभी को हमारे शरीर का दूसरा दिमाग भी कहा जा सकता है क्योंकि नाभी एक ऐसी जगह है जहां शरीर की ज्यादातर मांसपेशियों और इंद्रियों का दबाव रहता है। इसलिए नाभि का अपनी जगह पर रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। 

पुराने जमाने में अगर नाभि खिसक जाती थी तो हमारे दादा परदादा घर में ही उसे ठीक कर लिया करते थे। आज भी कुछ लोग ऐसा करते हैं लेकिन बहुत से लोग जो आधुनिक विज्ञान में विश्वास रखते हैं या फिर डॉक्टर हैं। वह ऐसी चीज को मानते ही नहीं है। उनका कहना है कि नाभि खिसकना जैसी कोई चीज नहीं होती यह अक्सरखराब खानपान या फिर पेट की इंफेक्शन वगैरह से ही होता हैं, लेकिन दोस्तों अगर आप जितना मर्जी पेट के इन्फेक्शन की दवा खा लें। अगर नाभि खिसक गई है। तो उसका इलाज उसके तरीके से ही हो पाएगा। अन्यथा आप जितनी मर्जी दवाई खा लें, आपको फर्क बहुत देर से पड़ेगा। 

नाभि खिसकने के कारण : Couse of Naval Displacement

दोस्तों नाभि खिसकने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि 

ज्यादा भार उठा लेना। अगर आपने पहली बार भार उठाने की कोशिश की है। पहली बार जिम जॉइन किया है तो एकदम से ज्यादा भार उठाने से भी नाभि खिसक जाती है। 

ज्यादा सीढ़ियां तेज चढ़ने से भी नाभि खिसक जाती है या फिर सीढ़ियों पर भार उठाकर ले जाने से भी ऐसा हो जाता है। 

ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी नाभि खिसक जाती है जब आप किसी टेंशन में होते हैं या फिर स्ट्रेस में होते हैं तो आपका दिमाग और तंत्रिका तंत्र सभी इकट्ठे काम करते हैं जिसका असर आपके नाभि पर भी पड़ता है और आपके पैरों में कंपन होने लगती है और नाभी आपकी अपनी जगह से खिसक जाती है। 

जब हमें किसी खतरे का आभास होता है या फिर कोई आशंका होती है तो हमारा s.n.s. विभाग हरकत में आ जाता है औरहम खुद को उस मुसीबत से बचाने के लिए सोचने लगते हैं जिससे कि हमारे दिल की धड़कन बढ़ जाती है, पसीना आने लगता है, पैरों में कंपन होने लगती है और जिस वजह से नाभि भी खिसक जाती है। 

नाभि किस तरह से खिसक जाती है।

कुछ लोगों की नाभि ऊपर आ जाती है और कुछ लोगों की नाभि नीचे तक चले जाती है। 

अगर आप की नाभि नीचे चली जाए तो आपके मलद्वार में बहुत ज्यादा दर्द होगा हो सकता है कि आपको दस्त भी लग जाए अगर आप की नाभि ऊपर चढ़ जाती है तो आपको उल्टी की तरह मन बना रहेगा। आपको कुछ खाने का मन नहीं करेगा। 

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अगर नाभि दाएं तरफ हो जाए तो लिवर या गाल ब्लैडर में दिक्कत बढ़ जाती है। अगर नाभि बाई तरफ सरक  जाए तो इस तो स्त्रियों का मासिक चक्र संबंधी परेशानियां होने लगती है। इतने ज्यादा परेशानियां हो जाती हैं। अगर नाभी अपनी जगह से खिसक जाए 

नाभि खिसकने के लक्षण : Navel Displacement Symptoms

दोस्तों जब आपकी नाभि अपनी जगह से सरक जाती  है, तो कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। आपके पेट में दर्द होने लगता है। दस्त लग जाते हैं या फिर कब्ज हो जाती है। आप दवा ले ले कर थक जाते हैं। फिर भी यह चीजें ठीक नहीं होती तो इसका मतलब है कि आपकी नाभि खिसक गई है। 

नाभि खिसक जाने की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है कि रोगी रोगी को लेटा कर नाभी दबा कर जांच करना। इसके लिए रोगी को पीठ के बल लेटा करनाभी को उंगलियों से दबाया जाता है। अगर नाभि के नीचे किसी मांसपेशी के कंपन की आवाज आए या फिर महसूस हो। धड़कन जैसा महसूस हो तो इसका मतलब नाभी अपनी जगह है। अगर ऐसा ना महसूस हो तो ना भी अपनी जगह से हिल चुकी है। 

सरकी नाभि (धरण ) के ठीक करने के उपाय। 

दोस्तों नाभि खिसकने के ठीक करने के कई तरह के उपाय आपके घर में ही उपलब्ध हैं और बहुत ही आसान है। कई तरह के योग करने से भी आपकी नाभि ठीक हो सकती है। 

दोस्तों पुराने समय में हमारी दादी या नानी सीधा लिटा कर पेट की मालिश किया करती थी या फिर पीठ की मालिश करके ही नाभि को अपनी जगह पर ले आया करती थी लेकिन आजकल ऐसा करना संभव नहीं है। बहुत से लोगों को इसका पता नहीं है कि किस तरह से मालिश की जाए। अगर आपके घर के आसपास कोई पुराने लोग हैं जिन्हें पता है नाभी। की मालिश से कैसे  करते हैं तो मालिश से भी ठीक करवाया जा सकता है। 

दूसरा तरीका सीधे लेट जाएं। अब एक पैर को मोड़कर उसका अंगूठा अपने नाक पर लगाने की कोशिश करें और जोर से झटके में अपना पाँव छोड़ें। ऐसा अब दूसरे पाँव  के साथ करें। ऐसा 7 बार करें और सीधा 2 मिनट लेटे रहे। ऐसा करने से भी नाभी अगर ऊपर चढ़ी हुई है तो अपनी जगह आ जाएगी। 

तीसरा तरीका 50 ग्राम गुड़ और 10 ग्राम सौंफ पीसकर मिला लें और सुबह खाली पेट इस मिश्रण को खाएं।अगर एक एक बार यह घरेलू नुस्खा अपनाने से नाभि ठीक होती हो जाती है तो ठीक है नहीं तो दो-तीन दिन इस उपाय को करने से ना भी अपनी जगह पर आ जाती है। 

चौथा तरीका नाभि खिसकने के लिए आप पेट के कुछ योग भी कर सकते हैंजैसे कि भुजंगासन वज्रासन चक्रासन, धनुरासन, मकरासन इत्यादि जिससे कि धरण जल्दी से ठीक हो जाएगी। 

पांचवा तरीका नाभि को ठीक करने के लिए बाजार में कुछ यंत्र भी उपलब्ध है। जैसा कि आप नीचे देख रहे हैं। इस यंत्र को अपने सीधा लेट कर अपने पेट पर रखें। इसे वैक्यूम यंत्र भी कहते हैं। इसे पूरा दबाकर अपनी नाभि पर रखें औरधीरे-धीरे इसे फूलने दे। यह धीरे-धीरे आपकी नाभि को अपनी जगह लाने की कोशिश करेगा। ऐसा दो-तीन बार करने से आपको काफी ज्यादा फर्क पड़ेगा। 

छठा तरीका। काला धागा पैर के अंगूठे पर बांधने से भी नाभी बार-बार अपनी जगह से नहीं हिलेगी । 

ध्यान देने योग्य बातें 

  • जब आपकी धरण हो या फिर ना भी अपनी जगह से हिल जाए तो रोगी को खान-पान में बात याद रखना चाहिए। 
  • तला हुआ मसालेदार भोजन ना दें। 
  • मूंग दाल की खिचड़ी खाई जा सकती है। 
  • एक चम्मच आंवले के रास्ते में 5-6 अदरक के रस की मिलाकर पिए। 
  • ज्यादा भार उठाने से परहेज करें। 

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