आज कल हमारे भारतीय आयर्वेद ने बहुत तरक्की कर ली है , जिसका प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है , चाहे वो हमरा दैनिक जीवन हो , या बॉडीबिल्डिंग (Bodybuilding). स्टेरॉइड ( Steroid) के बेहद खतरनाक नतीजों और दवाओं के सीरियस साइड इफेक्ट ( Side Effects) सामने आए हैं। इसी बीच आयुर्वेदिक दवाओं ने बॉडीबिल्डिंग (Bodybuilding) के मैदान में अपनी अच्छी जगह बना ली है। ये बात सही है कि यह स्टेरॉइड जैसे नतीजे नहीं देतीं मगर हां, बहुत कम साइड इफेक्ट में अच्छे नतीजे दे देती हैं।
आजकल जिम (gym) जाने वाले और स्टेरॉइड से परहेज करने वाले लोग अश्वगंधा (Ashwagandha), शतावरी (Shatavari), मूसली, कॉन्च बीज और गोक्शुरा का खासतौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा हाजमा ठीक रखने या लिवर की सेफ्टी के लिए भी आयुर्वेदिक दवाएं और सिरप काम आ रही हैं। इनके साथ दो बातें ऐसी हैं जो अच्छी हैं। एक तो इनके साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा नहीं हैं और दूसरी बात इनकी कीमत ज्यादा नहीं होती। इसके अलावा ये लंबे टाइम तक बॉडी में नहीं ठहरतीं जैसे स्टेरॉइड।
स्टेरॉइड का यूज करने के बाद आपको पीसीटी (PCT) भी करनी होती है मगर इनके साथ ऐसा नहीं है। ये दवाएं आमतौर पर बॉडी पर कोई लॉन्ग टर्म इफेक्ट नहीं डालतीं जबकि आज लिया गया स्टेरॉइड दस साल भी नुकसान पहुंचा सकता हैै। कुल मिलाकर समझने वाली बात ये है कि इंसानी की पावर को बूस्ट करने का काम करने वाली ये दवाएं भरोसे के लायक होती हैं। इसीलिए इन पर किसी तरह की पावंदी सरकार ने नहीं लगाई है।
बॉडीबिल्डिंग में अश्वगंधा और शतावरी ( Ashwagandha & Shatavari in Bodybuilding)
यहां हम बॉडीबिल्डिंग में अश्वगंधा (Ashwagandha) और शतावरी (Shatavari) के यूज पर बात करेंगे। यह दोनों जड़ी बूटियां लंबे समय से अलग अलग किस्म की परेशानियों और बीमारियों के इलाज में ली जाती हैं। पर अब इन्हें जिम जाने वाले लोग भी ले रहे हैं, खासतौर पर वो लोग जो गेनिंग कर रहे हों। हालांकि जो लोग गेनिंग नहीं कर रहे हैैं वो भी इनका इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इनमें पावर बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को ठीक रखने की काबलियत है। ये दोनों ही दवाएं बहुत अच्छी मानी जाती हैं।
शतावरी क्या है और उसके फायदे ( Benefits of Shatavari)
शतावरी (Shatavari) एक चमत्कारी पौधा है जिसे कई रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है.ख़ासतौर पर सेक्स शक्ति बढ़ाने के लिए इसका विशेष योगदान है. शतावर या शतावरी आपको हमेशा जवान बने रहने में मदद करती है। यह रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाती है।

इससे स्पार्म काउंट बढ़ता है। पेशाब से जुड़े रोगों को ठीक करती है और अच्छी नींद, माइग्रेन व खांसी सहित कई बीमारियों के इलाज में काम आती है। इसकी एक और क्वालिटी है और वो ये है कि इसे खाने से वेट बढ़ सकता है। कुछ लोग इसे साइड इफेक्ट के तौर पर देखते हैं मगर गेनिंग कर रहे जिम जाने वाले लोग इसी साइड इफेक्ट पर फिदा हैं।
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अश्वगंधा क्या है और उसके फायदे ( Ashwagandha Benefits in Hindi)
अश्वगंधा ( Ashwagandha ) का दवा के रूप में सैकड़ों वर्षों से उपयोग किया जाता रहा है. अश्वगंधा में अनेक चमत्कारी गुण हैं, और कई परेशानियों में यह आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी है. अश्वगंधा का आयुर्वेद में बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसका सही मात्रा में उपयोग करना कई मामलों में फायदेमंद है, इससे मर्दों का स्पेर्म काउंट बढ़ता है। यह शरीर में कमजोरी को दूर करती है।
हड्डियों के लिए काफी अच्छी होती है और फिजिकल व दिमागी थकान को दूर करने में मदद करती है। इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं मगर हमारा कोर एरिया बॉडी बिल्डिं ग है इसलिए हम अभी वही बात करेंगे। इसे खाने से जिम में परफॉर्मेंस सुधरती है, रिकवरी में मदद मिलती है।
डोज
अश्वगंधा और शतावरी को साथ में भी लिया जाता है और अलग अलग। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अश्वगंधा और शतावरी का पाउडर एक एक चम्मच। हल्के गर्म दूध के साथ लिया जाता है। इन्हेंव सुबह खाली पेट और रात को गर्म दूध के साथ लिया जाता है। वैसे तो यह जरूरी नहीं है इसे खाली पेट ही लिया जाए मगर तब ये दवाएं ज्यादा अच्छे से काम करती हैं।
गर्मियों में इसका यूज थोड़ा संभलकर करना चाहिए क्योंकि यह गर्म होती हैं। इसलिए लोग पहले आधा आधा चम्म च की डोज लेते हैं और फिर धीरे धीरे डोज बढ़ा लेते हैं।इस बात की उम्मीद न करें कि इन्हेंस लेते ही आपमें बदलाव आना शुरू हो जाएगा। रिजल्ट दिखने में टाइम लगेगा और हां गेनिंग तभी होगी जब आपकी डाइट अच्छी होगी। ये दवाएं पावरफुल होती हैं इसलिए अगर आप इन्हें ले रहेे हैं तो कसरत जरूर करें।
साइड इफेक्ट
- ये दोनों दवाएं पावरफुल होती हैं। अगर आपका बीपी हाई रहता है तो अश्वगंधा से परहेज करें।
- अगर आप किसी बीमारी की दवा ले रहे हैं तो आपको डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए क्योंजकि – अश्वगंधा दूसरी दवाओं को काम करने से रोक सकती है।
- अश्वगंधा लेने से कई लोगों को हर समय नींद या सुस्तीर आने लगती है।
- इससे पेट की प्रॉबलम भी बढ़ सकती हैं। अगर आपके पेट में एसिड ज्यादा बनता है तो अश्वगंधा परेशानी को बढ़ा सकती है।
- किडनी और दिल से जुड़ी बीमारी होने पर शतावरी का यूज डॉक्ट र से पूछे बिना नहीं करना चाहिए
- अगर शतावरी खाने के बाद कसी तरह की एलर्जी या सांस से जुड़ी दिक्क्त होती है तो इससे परहेज करें
- जिन लोगों को सांस से जुड़े रोग हों वो भी शतावरी का यूज करने से बचें।
- अश्वगंधा के साथ खटाई का परहेज करना चाहिए।
- शतावरी खाने से कुछ लोगों में चिंता, चक्कर आना, सर घूमना, जी मिचलाना, पेट में गैस और पेट की गड़बड़ी की शिकायत भी पैदा हो सकती है।
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